शिकायत
यूँ माहौल में तब्दीली न होती,
यूँ हालातों की कुछ जरूरतें न होती,
यूँ मुझे भी थोड़ी मतलबी आदतें होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।
यूँ मुझ से इतनी उम्मीदें न होती,
यूँ मेरे ज़हन में ये सब बातें न होती,
यूँ मुझमें इतनी समझदारी न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।
https://www.gulaabrani.com/2019/08/saavn.html?m=1
यूँ समय की रेत ,
मुट्ठी से न फिसल रही होती
यूँ उन तरसाई आँखों में हरदम आस न होती,
यूँ मुझमें भी ये सब देखने की शक्ति न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती।
यूँ अपने आप में जीने की ज़िद न होती,
यूँ थोड़ा सा डरने की आदत न होती,
यूँ लापरवाही की थोड़ी शय होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।।
आलोक,,,,
यूँ हालातों की कुछ जरूरतें न होती,
यूँ मुझे भी थोड़ी मतलबी आदतें होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।
यूँ मुझ से इतनी उम्मीदें न होती,
यूँ मेरे ज़हन में ये सब बातें न होती,
यूँ मुझमें इतनी समझदारी न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।
शिकायत |
यूँ समय की रेत ,
मुट्ठी से न फिसल रही होती
यूँ उन तरसाई आँखों में हरदम आस न होती,
यूँ मुझमें भी ये सब देखने की शक्ति न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती।
यूँ अपने आप में जीने की ज़िद न होती,
यूँ थोड़ा सा डरने की आदत न होती,
यूँ लापरवाही की थोड़ी शय होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।।
आलोक,,,,
उम्दा
ReplyDeleteबहुत बहुत शुक्रिया 🙏
DeleteNyc
ReplyDeleteThank you 🙏
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