शिकायत

यूँ माहौल में तब्दीली न होती,
यूँ हालातों की कुछ जरूरतें न होती,
यूँ मुझे भी थोड़ी मतलबी आदतें होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।

यूँ मुझ से इतनी उम्मीदें न होती,
यूँ मेरे ज़हन में ये सब बातें न होती,
यूँ मुझमें इतनी समझदारी न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती ।

शिकायत-कविता-flood-article370
शिकायत 
https://www.gulaabrani.com/2019/08/saavn.html?m=1

यूँ समय की रेत ,
मुट्ठी से न फिसल रही होती
यूँ उन तरसाई आँखों में हरदम आस न होती,
यूँ मुझमें भी ये सब देखने की शक्ति न होती,
तो यूँ खुद से इतनी शिकायत न होती।

यूँ अपने आप में जीने की ज़िद न होती,
यूँ थोड़ा सा डरने की आदत न होती,
यूँ लापरवाही की थोड़ी शय होती,
तो यूँ खुद से इतनी  शिकायत न होती ।।


                            आलोक,,,,


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