फ़ुरसत_Part6
1.
कोई मजबूरी का फायदा उठाता,
कोई बनता है,
इस संसार मे बेबसी का कारोबार,
ऐसे ही चलता है ।
2.
काश ये सफर थोड़ा और लम्बा होता
निगाहों का ये खेल थोड़ा और चलता
पर अफसोस मंजिल मेरी पहले थी
वरना उस दीदार ए रौब का,,,
सिलसिला थोड़ा और चलता ।
3.
एक दौर तलक मैं सुनता रहा,
एक दौर तलक बस सोचता रहा,
यूँ इतने दौर कब गुज़र गए,
बस,,,,
वही गुज़रे दौर एक एक कर लिखता रहा ।
....आलोक
👌👌👌 deeeeep reality !!💘
ReplyDeleteThank you so much 🙏😍
DeleteLoved reading the deep lines.
ReplyDeleteThank you so much.
DeleteTouching
ReplyDeleteThank you so much.
DeleteThese were too deep and touching!
ReplyDeleteThank you so much.
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