Sleepless_nights
ख़ामोश रातों में ,
वो अजीब सी धुन होती
मेरे भाव चिल्लाते ,
और कायनात सुन्न होती।
पहर दर पहर यूँ ही फिसल जाते
जब द्वंद की आगोश में,
मन और ये आँखें होती ।
दोनों का लड़ना जैसे जरूरी सा होता,
एक को सोने की चाह,
तो दूजे को बस घूमना होता
बाद बन एक दूसरे के साथी,
मीलों नापना होता।
मन की गाड़ी में आँखों की सवारी होती
दूरियों और कल्पनाओं से परे ,
उनकी जोड़ीदारी होती ।
बस इसी जुगलबंदी कि,
सारी ये कहानी होती
घूमकर, थककर सोने में
रात से कब ,, सुबह होती
रात से कब ,, सुबह होती ।।
.....आलोक
To the Man of My Heart, i surrender myself whole to ur each part.
ReplyDeleteNeither pretending nor concealing,
Just carry our bond like it's the foremost want....!!! ♥️🤍🖤
Beautifully written 😍👌👌
Deleteक्या भाव लिखे है, so profound & heart whelming 🥺🥺💘💘😍
ReplyDeleteThank you so much ☺️🙏. I'll try to be more profound in my upcoming writings.
Delete👏
ReplyDeleteThank you so much 🙏
DeleteNice
ReplyDeleteThank you so much.
DeleteHeavy Weighted Poetry
ReplyDeleteSoo soothing and Heart-touching
Keep writing. Acha laga padh ke
Thank you so much. Hope,you will get more such soothing writinngs.
DeleteReally wonderful.... waiting for more writings.👏👏👍
ReplyDeleteThank you so much🙏... Hope, you don't have to wait long..
Deleteरात्री के अंधेरे में मन और आंखों की कल्पना का कितना सुन्दर चित्रण किया है !
ReplyDeleteबहुत बहुत आभार 🙏 ,, इससे भी ज्यादा जरूरी ये है कि, आप इन लेखों के भावों को एकदम सटीक समझते हैं।
DeleteHeart warming poem ...has a depth to dive in...💐💐
ReplyDeleteThank you so much for such appreciation 🙏..
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