कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं _Inside out
कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं
कुछ सुलझी कुछ उलझी लिख रहा हूँ
किसको समझा दूँ ,क्या समझ रहा हूँ
क्या कह दूँ, आख़िर कर क्या रहा हूँ
बहती हवाओं में स्वतः बह रहा हूँ
बार बार संभलने के बाद भी ढ़ह रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
किसको समझा दूँ ,क्या समझ रहा हूँ
क्या कह दूँ, आख़िर कर क्या रहा हूँ
बहती हवाओं में स्वतः बह रहा हूँ
बार बार संभलने के बाद भी ढ़ह रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
दो पल ठहर कर सोचा, कहाँ चल रहा हूँ,
है कोई नई डगर या फिर वहीं मुड़ रहा हूँ
उम्मीदों की हार या हताशाओं का प्यार
है वास्तिवकता कुछ या फिर सब आभास
यही सवालात कुछ ,खुद से आम कर रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
https://gulaabrani.com/2019/02/the-saga-of-sacrifice.html
उम्मीदों की हार या हताशाओं का प्यार
है वास्तिवकता कुछ या फिर सब आभास
यही सवालात कुछ ,खुद से आम कर रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
Inside-out |
मन की अधीरता को हर दफा चुप कर रहा हूँ
अवलोकन खुद के जिन्हें बेसबब कह रहा हूँ
दिमाग और मन के दंगल का,
रोज मध्यस्थ सा बन रहा हूँ
गणनाएँ न जाने कौन कौन सी कर रहा हूँ
जवाब हैं बहुतेरे जिनके लिए फिर रहा हूँ
ज़रा सी आस में भी पूरा जी रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
अवलोकन खुद के जिन्हें बेसबब कह रहा हूँ
दिमाग और मन के दंगल का,
रोज मध्यस्थ सा बन रहा हूँ
गणनाएँ न जाने कौन कौन सी कर रहा हूँ
जवाब हैं बहुतेरे जिनके लिए फिर रहा हूँ
ज़रा सी आस में भी पूरा जी रहा हूँ
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं ।
रोज खुद में , एक वजूद खोज रहा हूँ
समय को बहुत,,,
बहुत तेजी से निकलता देख रहा हूँ
खुद से सहसा बस एक ही सवाल उठता है,
क्या वाकई कुछ कर रहा हूँ मैं ??
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं।
.....आलोक
बहुत तेजी से निकलता देख रहा हूँ
खुद से सहसा बस एक ही सवाल उठता है,
क्या वाकई कुछ कर रहा हूँ मैं ??
आख़िर कुछ तो कहानी लिख रहा हूँ मैं।
.....आलोक
Nice lines
ReplyDeleteThank you 🙏
DeleteWow its just so awesome!!! What a beautiful poem .... amazing job ..
ReplyDeleteThank you so much for appreciating my creation. And I'll try my best to make available such many more creations. 🙏
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